Thursday 25 December 2014

चाँद सितारों से बढ़ कर लिख 
फूलो काँटों तक चल कर लिख

महफ़िल में जो हो,जाने दे
तू तन्हाई में जम कर लिख

कौन बुरा ,क्या अच्छा है
तू बस मस्ती में भर कर लिख

बहुत होश वाले है जग में
तू दीवाना सा बन कर लिख

सूख न जाये झील प्यार की
एहसासों को भी भर कर लिख

आज युवा मन चाहे उड़ना
उसकी चाहें को भर कर लिख

समझेंगे दुनिया वाले भी
सरु तू बस मन की बन कर लिख



http://www.yoindia.com/shayariadab/ghazals/jam-kar-likhsaru141-t118326.0.html

No comments:

Post a Comment