Sunday 8 February 2015





शौक़-ए-विसाल  और ये  शरमाना   तेरा  मेरा
धड़कते   दिलों   का   ये  नज़राना  तेरा   मेरा

देता है पुख़्ता सुबूत  दिल जाने का   दफअतन
कहीं- भी  कभी- भी  यूँ  मुस्कुराना  तेरा  मेरा

आँखों में है बिजलियाँ और घनी -काली  जुल्फें
हाय   मोहब्बतो  में   भीग   जाना   तेरा   मेरा

सागर की प्यास देख के नदिया  की चाल बदली
राह-ए-मुश्किल  से  ये दिल  अंजाना तेरा  मेरा

इसी  सदके   जिस्म  साँसों   को  जोड़े  हुये  है
दुनियाँ  से  जुदा  इक  जहाँ बसाना  तेरा  मेरा

साथ है  हर  पल  मेरे  तेरी  नज़र  का  आईना
क्या  ख़ूब  इक  दूजे  को  सजाना   तेरा  मेरा

जब  है  किसी निगाह में तू  ईश्क़ की पनाह में
आ झूम के 'सरु'  फिर  देख ज़माना  तेरा मेरा

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