Sunday 8 February 2015


दिल ये मेरी  नज़र कर दे
मुझको  मेरी  ख़बर कर दे

दीवाना  तुझको  सदा  रखूं
मुझमें  ऐसा  हुनर  कर दे

जब- जब  याद  तेरी आये
गुलो-ख़ुश्बू सा असर कर दे

जगाके  गम  की  नींदों से
इन  रातों  की सहर कर दे

छोड़ उलफत के  निशां जाएं
अपना  प्यार  अमर कर दे

अपना  घर बसा के दिल में
तू ख्वाबों  का  शहर कर दे

ज़रा जम- जम के बरस बादल
'सरु' की  धानी चुनर कर दे

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