महफ़िल में राज़दारों की बात करता है
प्यार में इश्तहारों की बात करता है
जो प्यालियों के टूटने से टूट गया
कैसे वो सितारों की बात करता है
सर्द हवाओं की गर्मी नहीं देखी शायद
मौसम के इशारों की बात करता है
ख़ुश्बूएं नाकाम हुई जाती हैं या रब
फूलों में खारों की बात करता है
बेचता फिरता है खुद ज़मीर अपना
फिर भी ख़रीदारों की बात करता है
हुई हैं यारियाँ कश्ती से तूफ़ान की
अब तो कौन किनारों की बात करता है
हवाएँ उलफत की रोक के बैठा है
वही दिल की दीवारों की बात करता है
काश ! के झाँक लेता अपनी भी गिरेबान
हँस - हँस के हज़ारों की बात करता है
जब से देखी हैं सरु' की अदाएँ उसने
नज़रों और नज़ारों की बात करता है
http://www.yoindia.com/shayariadab/miscellaneous-shayri/sitaaron-ki-baat-karta-haisaru-t113102.0.html
प्यार में इश्तहारों की बात करता है
जो प्यालियों के टूटने से टूट गया
कैसे वो सितारों की बात करता है
सर्द हवाओं की गर्मी नहीं देखी शायद
मौसम के इशारों की बात करता है
ख़ुश्बूएं नाकाम हुई जाती हैं या रब
फूलों में खारों की बात करता है
बेचता फिरता है खुद ज़मीर अपना
फिर भी ख़रीदारों की बात करता है
हुई हैं यारियाँ कश्ती से तूफ़ान की
अब तो कौन किनारों की बात करता है
हवाएँ उलफत की रोक के बैठा है
वही दिल की दीवारों की बात करता है
काश ! के झाँक लेता अपनी भी गिरेबान
हँस - हँस के हज़ारों की बात करता है
जब से देखी हैं सरु' की अदाएँ उसने
नज़रों और नज़ारों की बात करता है
http://www.yoindia.com/shayariadab/miscellaneous-shayri/sitaaron-ki-baat-karta-haisaru-t113102.0.html
No comments:
Post a Comment