Monday 5 January 2015

मेरा  पता  मुझको  बता मेरे ख़ुदा
में  दुनियाँ  में खो गया  मेरे ख़ुदा

मिटा  रही ये आँधियाँ  मेरा वुजूद
होने  लगा  खुद से जुदा मेरे खुदा

दर्द-ए-दिल का हो कोई ईलाज़ कुछ
कुछ कर दवा कुछ दे दुआ मेरे ख़ुदा

हादसे कुछ ऐसे यहाँ सि गुज़रे हैं
ना रो सका ना हँस सका मेरे ख़ुदा

क्यूँ  नहीं  कोई  खुशी किसी बात में
कुछ कर रहम कुछ कर वफ़ा मेरे ख़ुदा

घर उदासियों ने यहाँ कैसे कर लिया
ये क्यूँ हुआ कुछ तो बता मेरे ख़ुदा

तैयार है अब जलने को रूह-ए-सरु
तू  दे  उजालों  का पता मेरे ख़ुदा

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