खुश तिरा दीवाना
बहुत है आज
लगे है बारिश
में नहाया हुआ
शज़र ये सब्ज़ाना
बहुत है आज
किया है कुछ
काम ज़माने वाला
मेहरबां ज़माना बहुत है
आज
बैठकर मयखाने में पीए
अश्क़
अंदाज़ तिरा रिंदाना
बहुत है आज
खुदा खैर करे
तू मुझे कहीं
मिल
जाए तो सुनाना
बहुत है आज
तुम आए तो
देखो ख़ूबसूरत
मेरा आशियाना बहुत है
आज
फटे होंठ आश्ना
है महफ़िल में
'सरु' को मुस्कुराना
बहुत है आज
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