Friday 2 January 2015

मौसम आशिकाना बहुत है आज
खुश तिरा दीवाना बहुत है आज

लगे है बारिश में नहाया हुआ
शज़र ये सब्ज़ाना बहुत है आज

किया है कुछ काम ज़माने वाला
मेहरबां ज़माना बहुत है आज

बैठकर मयखाने में पीए अश्क़
अंदाज़ तिरा रिंदाना बहुत है आज

खुदा खैर करे तू मुझे कहीं मिल
जाए तो सुनाना बहुत है आज

तुम आए तो देखो ख़ूबसूरत
मेरा आशियाना बहुत है आज

फटे होंठ आश्ना है महफ़िल में
'सरु' को मुस्कुराना बहुत है आज


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